पाठ्यसामग्री हेतु विभिन्न चैन-ज्ञानदर्शन, ई-पाठशाला, स्वयम् और मूक्स
ज्ञानदर्शन
ज्ञानदर्शन भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रसार भारती और इग्नू (Indira Gandhi National Open University , इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) का संयुक्त चैनल है। इसकी शुरुआत 26 जनवरी, 2000 में की गई थी। यह चैनल चौबीसों घण्टे कोई न कोई शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करता रहता है। इस चैनल की नोडल एजेंसी इग्नू है। इसमें प्री0-स्कूल, प्राथमिक, हायर सेकेण्ड्री, उच्च श्क्षि के शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इस चैनल पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की सूची इग्नू की वेबसाइट पर उपलब्ध रहती है।
वर्तमान में ज्ञानदर्शन चैनल इग्नू के स्वयंप्रभा चैनल का एक हिस्सा है। इग्नू अपने ज्ञानवाणी और ज्ञानधारा रेडियो चैनल्स के माध्यम से भी अपने विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित करता है। ज्ञानवाणी FM रेडियो की शुरुआत सन् 2001 में की गई थी। प्रत्येक FM रेडियो चैनल अपने आसपास लगभग साठ किलोमीटर क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में विद्यार्थियों एवं अन्य श्रोताओं की शैक्षणिक समस्याओं का समाधान करता है।
ज्ञानधारा इग्नू की एक इण्टरनेट रेडियो काउन्सलिंग सेवा है। इसके माध्यम से इग्नू दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान करता है। इसके तहत विद्यार्थी विशेषज्ञ और अध्यापकों से दूरभाष के माध्यम से बात कर सकते हैं। इसमें विद्यार्थी ईमेल और चैट के माध्यम से भी अपनी समस्याएं बता सकते हैं।
ई-पाठशाला
ई-पाठशाला NCERT (National Council of Education Research and Training, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्) और CIET (Central Institute of Educational Technology, केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान) द्वारा विकसित एक पोर्टल है। इसकी शुरुआत 2015 में की गई थी।
ई-पाठशाला के माध्यम से शिक्षक, विद्यार्थी और शोधकर्ता विभिन्न प्रकार की शैक्षिक सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसमें प्राथमिक कक्षाओं की NCERT की पाठ्यपुस्तकें, ऑडियो-विजुअल तथा अन्य प्रकार की पाठ्य-सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।
स्वयम् (SWAYAM-Study Webs of Active-Learning For Young Aspiring Minds)
भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय और AICTE (All India Council for Technical Education अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्) द्वारा संयुक्त रूप से माइक्रोसाफ्ट की सहायता से इसे विकसित किया गया। 9 जुलाई, 2017 को भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा इसे लॉन्च किया गया। इसमें कक्षा नौ से लेकर स्नातकोत्तर तक के पाठ्यक्रम शामिल हैं। इसका उपयोग पूरी तरह से निःशुल्क है। भारत सरकार द्वारा पोषित विभिन्न संस्थानों के प्रोफेसर्स द्वारा विभिन्न विषयों से संबंधित पाठ्यसामग्री उपलब्ध करवाई जाती है।
मूक्स (MOOCS, Massive Open Online Courses)
‘मूक्स’ मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करने वाला एक दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम है। इसके माध्यम से भौगोलिक रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को निःशुल्क ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जाता है। इसमें इण्टरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। उच्च शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य के लिए इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
‘मूक्स’ के माध्यम से विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग तथा चिकित्सा) के ऐसे विद्यार्थी जो किसी कारणवश विश्वविद्यालय से शिक्षा नहीं प्राप्त कर सकते, उनके लिए एक विकल्प बनकर उभर रहा है।
मूक्स के दोष
1. मूक्स के किसी समस्या का तत्काल समाधान नहीं हो पाता है।
2. पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए प्रेरणा का अभाव रहता है। इसलिए बहुत से विद्यार्थी इसे बीच में ही छोड़ देते हैं।
3. निःशुल्क होने के कारण लोग इसकी महत्ता नहीं समझते।
4. इसमें रजिस्ट्रेशन करने वाले अधिकांश विद्यार्थी पाठ्यक्रम पूरा नहीं करते हैं। इस कारण से इसके पाठ्यक्रम के प्रभाव पर सवाल खड़े होने लगे हैं।