Category: व्याकरण

3 July 2023

विशेषण

         संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। विशेषण जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उसे ‘विशेष्य’ कहते हैं; जैसे-बहुत लोग, मोटा आदमी, कई लड़कियाँ में क्रमशः बहुत, मोटा, कई शब्द विशेषण तथा लोग, आदमी, लड़कियाँ शब्द विशेष्य हैं। विशेषण के कार्य       किसी वस्तु अथवा व्यक्ति की विशेषता बतलाना; जैसे-राम स्वस्थ है। काला घोड़ा दौड़ रहा है। […]

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3 July 2023

सर्वनाम

         संज्ञा के स्थान पर बोले या लिखे जाने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। एक ही संज्ञा को बार-बार उसी रूप में अगले वाक्यों में दुहराए जाने से बचने के लिए सर्वनाम का प्रयोग होता है।          सर्वनाम एसे शब्दों को कहते हैं, जिनका प्रयोग सब प्रकार के नामों (संज्ञा) के लिए या उनके स्थान पर हो सके। सर्वनाम के भेद          सर्वनाम के छः […]

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2 July 2023

कारक

वाक्य में क्रिया तथा संज्ञा या सर्वनाम के बीच पाए जाने वाले संबंधों को कारक कहते हैं। जैसे-राम ने रावण को बाण से मारा।          उपर्युक्त वाक्य में ‘राम’, ‘रावण’, ‘बाण’ संज्ञा पदों का संबंध मारा क्रिया से सूचित होता हो रहा है। अर्थात् कारक एक ऐसी व्याकरणिक कोटि है जिससे यह पता चलता है कि संज्ञा पद वाक्य में स्थित क्रिया के साथ किस […]

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2 July 2023

वचन

         संज्ञा तथा अन्य विकारी शब्दों के जिस रूप से एक या अनेक होने का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं। हिन्दी में दो वचन होते हैं- 1.      एकवचन (जो संज्ञा पद एक का बोध कराएं) 2.      बहुवचन (जो संज्ञा पद एक से अधिक का बोध कराएं) वचन सम्बंधी महत्वपूर्ण नियम–       गणनीय संज्ञा पदों के बहुवचन रूप होते हैं। जैसे-लड़का-लड़के, वस्तु-वस्तुएं।       अगणनीय […]

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2 July 2023

लिंग

लिंग का अर्थ है-चिह्न। लिंग संस्कृत भाषा का शब्द है। संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु की जाति (पुरुष अथवा स्त्री) का बोध होता है, उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो लिंग होते हैं- 1.      पुल्लिंग (पुरुष जाति का बोध कराने वाले) 2.      स्त्रीलिंग (स्त्री जाति का बोध कराने वाले)       प्राणीवाचक संज्ञा शब्दों में लिंग की पहचान उनके नर या मादा होने […]

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1 July 2023

शब्द और उसके भेद

शब्द          किसी भी भाषा की शक्ति उसके शब्द योजना और उसके शब्द भण्डार पर निर्भर होती है। नए भाव, विचार, अनुभव और मूल्यों को संप्रेषित करने के लिए नए-नए शब्दों की आवश्यकता पड़ती है। भाषा की नवनिर्मित शब्दावली उसे समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसी व्यक्ति के विचार, जीवन-दृष्टि तथा उसके अनुभूति के स्तर की जानकारी उसकी अभिव्यक्ति में प्रयुक्त शब्दावली से […]

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