1 July 2023

पारिभाषिक शब्दावली

By Sandeep Kumar Singh

प्रस्तुत लेख में हम पारिभाषिक शब्दावली का अर्थ और उसकी परिभाषा के बारे में जानेंगे।

भाषा शब्द का निर्माण संस्कृत की ‘भाष्’ धातु से हुआ है, जिसका अर्थ है-वाणी की अभिव्यक्ति।

    ‘भाष् व्यक्तायां वाचि’ अर्थात् मनुष्य की व्यक्त वाणी ही भाषा है। भाषा के माध्यम से मनुष्य के भाव तथा विचार व्यक्त होते हैं। भाषा सामाजिक मनुष्यों के बीच भावों तथा विचारों के पारस्परिक आदान-प्रदान का एक सार्थक माध्यम है।

    डॉ0 श्यामसुंदरदास भाषा के सम्बन्ध में लिखते हैं-‘‘मनुष्य और मनुष्य के बीच वस्तुओं के विषय में अपनी इच्छा और मति का आदान-प्रदान करने के लिए व्यक्त ध्वनि संकेतों का जो व्यवहार होता है, उसे भाषा कहते हैं।

पारिभाषिक शब्द का व्युत्पत्तिमूलक अर्थ

अंग्रेजी के ‘टेक्निकल टर्मिनोलॉजि’ (Technical Terminology) शब्द के पर्याय के रूप में हिंदी में ‘पारिभाषिक शब्दावली’ का प्रयोग किया जाता है। ‘पारिभाषिक’ शब्द विशेषण है। इस शब्द की व्युत्पत्ति ‘परिभाषा’ शब्द में ‘इक’ प्रत्यय के योग से हुई है। ‘पारिभाषिक’ शब्द का अर्थ है-परिभाषा संबंधी, अर्थात् जिसकी परिभाषा की जा सके या जिसकी परिभाषा देने की आवश्यकता हो। ‘पारिभाषिक’ शब्द के पर्याय के रूप में ‘तकनीकी’ शब्द भी प्रयुक्त किया जाता है।

‘परिभाषा’ शब्द की व्युत्पत्ति ‘भाष्’ धातु में ‘परि’ उपसंर्ग के योग से हुई है। ‘भाष्’ धातु कथन तथा ‘परि’ उपसर्ग विशिष्टता का द्योतक है।

हिंदी शब्दकोश में ‘परिभाषा’ शब्द के अर्थ दिए हैं-1.वाक्य में प्रयुक्त पद, शब्द का अर्थ स्पष्ट करने की क्रिया 2.नपा तुला परिचय जिससे वस्तु, व्यक्ति आदि का स्वरूप, गुण आदि का जाना जा सके 3. कला, विद्या आदि क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाला शब्द।

अंग्रेजी भाषा का ‘टेक्नीकल’ (Technical) शब्द ‘टेक्नीक’ (Technique)  से बना है। इसका अर्थ है-कला अथवा शिल्प का। इस प्रकार ‘पारिभाषिक शब्दावली’ या ‘तकनीकी शब्दावली’ का अर्थ है-वह शब्द जो परिभाषा या विशिष्ट संदर्भ से जुड़ा हो या जिसकी परिभाषा अपेक्षित हो अथवा जिसका प्रयोग किसी परिभाषायुक्त कथन के सूत्र के रूप में किया गया हो।

डॉ. रघुवीर ने पारिभाषिक शब्द को परिभाषित करते हुए लिखा है-‘‘पारिभाषिक शब्द का अर्थ है जिसकी सीमाएँ बाँध दी गई हों। जिन शब्दों की सीमा बाँध दी जाती है, वे पारिभाषिक शब्द हो जाते हैं और जिनकी सीमा नहीं बाँधी जाती, वे साधारण शब्द होते हैं।’’

डॉ0 भोलानाथ तिवारी ‘पारिभाषिक शब्द’ की परिभाषा देते हुए लिखते हैं-‘‘पारिभाषिक शब्द ऐसे शब्दों को कहते हैं जो सामान्य व्यवहार की भाषा के शब्द न होकर ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों; जैसे : रसायनशास्त्र, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान, प्राणिविज्ञान, समाजशास्त्र, दर्शन, अलंकार शास्त्र, गणित, मनोविज्ञान, तर्कशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजीतिशास्त्र आदि के होते हैं तथा विशिष्ट ज्ञान, विज्ञान या शास्त्र में जिनकी अर्थसीमा परिभाषित या निश्चित होती है, शास्त्र विशेष में इनका एक विशिष्ट और निश्चित अर्थ होता है, इसीलिए विषय विशेष में इनकी सहायता से निश्चित, स्पष्ट और अपेक्षित अभिव्यक्ति संभव होती है।’’

रैंडम हाउस ने ‘पारिभाषिक शब्द की परिभाषा इस प्रकार दी है-‘‘विशिष्ट विषय जैसे विज्ञान अथवा कला विषय की तकनीकी अभिव्यक्ति के लिए निश्चित अथवा विशिष्ट अर्थ में प्रयुक्त एक शब्द अधिकांशतः कला का शब्द।’’

डॉ0 गोपाल शर्मा के अनुसार-‘‘पारिभाषिक शब्द वह शब्द है जो किसी विशेष ज्ञान के क्षेत्र में एक निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होता हो तथा जिसका अर्थ एक परिभाषा द्वारा स्थिर किया गया हो।’’

इस प्रकार उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि पारिभाषिक शब्द वे शब्द हैं जो किसी विशेष क्षेत्र, विषय या सिद्धांत से संबंधित हों, निश्चित अर्थ में प्रयुक्त होते हों तथा परिभाषा से युक्त हों।

पारिभाषिक शब्दावली के प्रकार :

    डॉ0 विनोद गोदरे पारिभाषिक शब्दावली के दो प्रकार मानते हैं-

1.   पूर्ण पारिभाषिक शब्दावली

2.   अर्द्ध पारिभाषिक शब्दावली

पूर्ण पारिभाषिक शब्दावली के अन्तर्गत वे शब्द आते हैं जो केवल विभिन्न विज्ञानों, शास्त्रों आदि में प्रयुक्त होते हैं; जैसे-कोशिका, सोडियम, समीकरण, ध्वनि, माया, जगत, घनत्व आदि।

अर्द्धपारिभाषिक शब्दावली में के अन्तर्गत वे शब्द आते हैं जो सामान्य अर्थ में प्रयुक्त होने के साथ पारिभाषिक अर्थों में भी प्रयुक्त होते हैं; जैसे-आवेश, भिन्न, संधि, रस, पुष्प, आदेश, रेखा, कार्य, दंड आदि।

आधार ग्रंथ-

  1. अनुवाद विज्ञान सिद्धांत और अनुप्रयोग-डॉ0 नगेन्द्र (सं0)
  2. अनुवाद विज्ञान की भूमिका-कृष्ण कुमार गोस्वामी
  3. अनुवाद विज्ञान स्वरूप और समस्याएं-डॉ0 राम गोपाल सिंह ‘जादौन’
  4. अनुवाद सिद्धांत आर प्रविधि-इग्नू

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