25 June 2023

माँ

By Sandeep Kumar Singh

आज हम समझदार बन गए
जिस माँ ने हमें चलना सिखाया
उसे ही चलाने लग गए
हम उसके त्याग, बलिदान
और संघर्ष को भुलाकर
स्वयं महान बन गए
आज हम समझदार बन गए
बचपन की वो बातें भूल गए हम
जब वह अपने सपनों को
हम पर कुर्बान कर गयी
आज हम समझदान बन गए
उसकी कही बातें बेकार हो गयीं
अपनी कही बातें साकार हो गयीं
आज हम समझदान बन गए
जरूरी नहीं कि हर बात अपनी ही सही हो
कभी उसकी भी सुन लो
आज भी उसकी बातों में जीवन का सार है
आज हम समझदान बन गए
वो हमारी हाँ में हाँ नहीं मिलाएगी
क्योंकि संसार के सारे रिश्तों से वो अलग है
उसको पता है इसमें हमारा ही नुकसान है
आज हम समझदार बन गए
इसको मत ठुकराओ
ये जीती जागती भगवान है।

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