Category: व्याकरण

1 July 2023

संज्ञा

संज्ञा वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम के रूप में प्रयुक्त होते हैं।          संज्ञा का अर्थ होता है-नाम। विश्व में जितने भी व्यक्ति या वस्तुएं हैं उनका कोई न कोई नाम अवश्य होता है, इन्हें ही संज्ञा कहते हैं; जैसे राम, दिल्ली, हिमालय, प्रेम, यमुना, सेब, मेज आदि। संज्ञा के भेद          हिंदी में संज्ञा के तीन […]

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13 June 2023

वर्णमाला

      आधुनिक भाषा-विज्ञान में भाषा को ऐसी बौद्धिक क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता है जो ध्वनि-प्रतीकों के माध्यम से अभिव्यक्त होती है। भाषा के इन्हीं पारंपरिक ध्वनि-प्रतीकों को वर्ण कहते हैं।       हिंदी भाषा में ‘वर्ण’ शब्द का प्रयोग भाषा की ध्वनियों और उन ध्वनियों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त लिपि-चिह्नों दोनों के लिए होता है।       वर्ण भाषा के उच्चरित और […]

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9 June 2023

भाषा

भाषा भाषा शब्द का निर्माण संस्कृत की ‘भाष्’ धातु से हुआ है। इस धातु का अर्थ है-वाणी की अभिव्यक्ति।‘भाष् व्यक्तायां वाचि’ अर्थात् मनुष्य की व्यक्त वाणी ही भाषा है। भाषा के माध्यम से मनुष्य के भाव तथा विचार व्यक्त होते हैं। भाषा सामाजिक मनुष्यों के बीच भावों तथा विचारों के पारस्परिक आदान-प्रदान का एक सार्थक माध्यम है।डॉ0 श्यामसुंदरदास भाषा के सम्बन्ध में लिखते हैं-‘‘मनुष्य और […]

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