Author: Sandeep Kumar Singh

6 July 2023

ई-मेल-   

         ई-मेल का अर्थ है-इलेक्ट्रानिक मेल। भौगोलिक दृष्टि से दूर बैठे अपने किसी मित्र या सम्बन्धी को अपनी वस्तुस्थिति से अवगत कराने एवं उसके विषय में जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता आदिकाल से चली आ रही है और आगे भी बनी रहेगी। इसी आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए देश-विदशों के डाक-तार विभाग दिन-रात कार्यरत हैं और इस दिशा में अपनी भूमिका सुचारू रूप से […]

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4 July 2023

इण्टरनेट (Internet )  :-

    इण्टरनेट शब्द अंग्रेजी के Inter तथा Net शब्दों से मिलकर बना है। Inter से अभिप्राय International तथा Net का अभिप्राय Network  है। अतः इण्टरनेट का तात्पर्य अन्तर्राष्ट्रीय या पारस्परिक तंत्र या संजाल से है। इण्टरनेट को सूचना प्रौद्योगिकी की जीवनरेखा माना जाता है। इण्टरनेट विश्व के विभिन्न स्थानों पर स्थापित टेलीफोन लाइन के सहयोग से एक-दूसरे के साथ जुड़े कम्प्यूटर्स का ऐसा नेटवर्क है […]

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4 July 2023

कम्प्यूटर क्या है?

कम्प्यूटर अथवा संगणक एक ऐसा यंत्र है जिसका उपयोग गणना करने के लिए किया जाता था। लगभग एक सदी के गहन अनुसंधान के बाद कम्प्यूटर का आविष्कार एक ज्यादा सूक्षम कैलकुलेटर के तौर पर किया गया था, जिसकी स्मृति ज्यादा नहीं थी बल्कि यह कैलकुलेटर की तुलना में तीव्रता से गणना कर सकता था। कम्प्यूटर का उद्गम 1642 ई0 में 18 वर्षीय ब्लेज पास्कल द्वारा […]

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3 July 2023

विशेषण

         संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। विशेषण जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं उसे ‘विशेष्य’ कहते हैं; जैसे-बहुत लोग, मोटा आदमी, कई लड़कियाँ में क्रमशः बहुत, मोटा, कई शब्द विशेषण तथा लोग, आदमी, लड़कियाँ शब्द विशेष्य हैं। विशेषण के कार्य       किसी वस्तु अथवा व्यक्ति की विशेषता बतलाना; जैसे-राम स्वस्थ है। काला घोड़ा दौड़ रहा है। […]

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3 July 2023

सर्वनाम

         संज्ञा के स्थान पर बोले या लिखे जाने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। एक ही संज्ञा को बार-बार उसी रूप में अगले वाक्यों में दुहराए जाने से बचने के लिए सर्वनाम का प्रयोग होता है।          सर्वनाम एसे शब्दों को कहते हैं, जिनका प्रयोग सब प्रकार के नामों (संज्ञा) के लिए या उनके स्थान पर हो सके। सर्वनाम के भेद          सर्वनाम के छः […]

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2 July 2023

कारक

वाक्य में क्रिया तथा संज्ञा या सर्वनाम के बीच पाए जाने वाले संबंधों को कारक कहते हैं। जैसे-राम ने रावण को बाण से मारा।          उपर्युक्त वाक्य में ‘राम’, ‘रावण’, ‘बाण’ संज्ञा पदों का संबंध मारा क्रिया से सूचित होता हो रहा है। अर्थात् कारक एक ऐसी व्याकरणिक कोटि है जिससे यह पता चलता है कि संज्ञा पद वाक्य में स्थित क्रिया के साथ किस […]

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