बी.ए. प्रथम सेमेस्टर, प्रश्न-पत्र-04
- “परमात्मा की छाया आत्मा में और आत्मा की छाया परमात्मा में पड़ने लगती है, तभी छायावाद की सृष्टि होती है।“ किसका कथन है?
क. डॉ. रामकुमार वर्मा
ख. डॉ. नगेन्द्र
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
2. “छायावाद स्थूल के प्रति सूक्ष्म का विद्रोह है । छायावाद एक विशेष प्रकार की भहव पद्धति है, जीवन के प्रति एक विशेष भावात्मक दृष्टिकोण है।” किसका कथन है?
क. डॉ. रामकुमार वर्मा
ख. डॉ. नगेन्द्र
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
3. “जब वेदना के आधार पर स्वानुभूतिमयी अभिव्यक्त होने लगी तब हिंदी में उसे ‘छायावाद’ के नाम से अभिहित किया गया। ध्वन्यात्मकता, लाक्षणिकता, सौन्दर्यमय प्रतीक विधान तथा उपचार वक्रता के साथ स्वानुभूति की विवृत्ति छायावाद की विशेताएं हैं । “ किसका कथन है?
क. डॉ. रामकुमार वर्मा
ख. डॉ. नगेन्द्र
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
4. छायावाद की प्रवृत्ति नहीं है-
क. आत्माभिव्यंजना
ख. सौन्दर्य वर्णन
ग. शृंगारिकता
घ. इतिवृत्तात्मकता
5. ‘झरना’ का प्रकाशन हुआ-
क. 1916 ई0
ख. 1918 ई0
ग. 1920 ई0
घ. 1915 ई0
6. ‘रहस्यवाद’ की प्रवृत्ति है-
क. संत साहित्य
ख. छायावाद
ग. क और ख दोनों
घ. रीतिकाल
7. “अरुण यह मधुमय देश हमारा” किसकी पंक्ति है?
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
8. ‘‘वियोगी होगा पहला कवि, आह से उपजा होगा गान।’’ पंक्ति है-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
9. “मैं नीर भरी दुःख की बदली।” पंक्ति है-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
10. “अभी तो मुकुट बँधा था माथ, हुए कल ही हल्दी के हाथ।” पंक्ति है-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
11. “जो घनीभूत पीड़ा थी, मस्तक में स्मृति सी छाई। ” पंक्ति है-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
12. “धरती कितना देती है।” पंक्ति है-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
13. “स्तब्ध ज्योत्सना में जब संसार, चकित रहता शिशु सा नादान।” पंक्ति है-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
14. ‘कामायनी’ में कुल कितने सर्ग हैं?
क. 16
ख. 14
ग. 15
घ. 12
14. ‘श्रद्धा’ सर्ग कौन-सा है?
क. तीसरा
ख. चौथा
ग. पाँचवाँ
घ. छठा
15. ‘आँसू’ काव्य के रचनाकार हैं-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
16. ‘वह तोड़ती पत्थर’ कविता के रचनाकार हैं-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
17. “वीणावादिनी वर दे!” पंक्ति है-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
18. ‘मौन निमंत्रण’ कविता के रचनाकार हैं-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
19. ‘प्रथम रश्मि’ कविता के रचनाकार हैं-
क. सुमित्रानंदन पंत
ख. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
ग. महादेवी वर्मा
घ. जयशंकर प्रसाद
20. कामायनी’ का प्रकाशन हुआ-
क. 1916 ई0
ख. 1918 ई0
ग. 1920 ई0
घ. 1915 ई0
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